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इस बार होगी गेहूं की जबरदस्त पैदावार, बनेगा ये बड़ा रिकॉर्ड, खिल उठे किसानों के चेहरे

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यह ख़बर किसानों के साथ-साथ पूरे देश के लिए भी अच्छी है. खबर है कि इस बार गेहूं की जबरदस्त पैदावार होगी. भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों की मानें तो इस साल गेंहू की 11.4 करोड़ टन तक की पैदावार हो सकती है. संस्थान के इस आंकड़ों को सुनकर पूरा देश खुशी से झूम उठा है.

हालांकि, इन आंकड़ों के सार्वजनिक होने से पहले माना जा रहा था कि किसानों के आंदोलन की वजह से इस साल गेहूं की पैदावार कम हो सकती है, लेकिन इन उक्त आंकड़ों ने इन सभी कयासों को सिरे से खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं, संस्थान के आंकड़ों से यह भी जाहिर हो रहा है कि इस बार गेहूं की जबरदस्त पैदावार से कृषि क्षेत्र में नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है.

इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इस साल अगर बारिश नहीं हुई तो गेहूं के उत्पादन में हमारा देश एक बार फिर से एक नया रिकार्ड बनाने जा रहा है।

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2019-2020 में गेहूं का उत्पादन 10.76 टन माना गया था. मंत्रालय के मुताबिक, हमारे पास गेहूं की कई ऐसी किस्में हैं, जो हमारे जलवायु के लिए अनुकूल साबित हो सकती है.

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, उन सभी राज्यों में भी हमें गेहूं की अच्छी पैदावार देखने को मिल सकती है, जहां आमतौर पर गेंहू का उत्पादन प्रचुर मात्रा में किया जाता है. ज्ञानेंद्र के मुताबिक, इस साल मध्यप्रदेश में भी गेंहू की अच्छी खासी पैदावार देखने को मिल सकती है. इस बार किसानों को गेहूं से अच्छा मुनाफा मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

वहीं, अगर सरकारी आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो ये भी शुभ संकेत देते हुए ही नजर आ रहे हैं. एजेंसियों के मुताबिक, देशभर में 3 सौं 89.83 लाख टन गेहूं का तय समर्थन मूल्य 11 हजार 9 सौं 25 क्विंटल पर खरीदा है. उधर, केंद्र सरकार ने भी गेहूं के समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 1 लाख 9 सौं 75 रूपए प्रति क्विंटल कर दिया है.

--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
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हालांकि, इन आंकड़ों के सार्वजनिक होने से पहले माना जा रहा था कि किसानों के आंदोलन की वजह से इस साल गेहूं की पैदावार कम हो सकती है, लेकिन इन उक्त आंकड़ों ने इन सभी कयासों को सिरे से खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं, संस्थान के आंकड़ों से यह भी जाहिर हो रहा है कि इस बार गेहूं की जबरदस्त पैदावार से कृषि क्षेत्र में नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है.

इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इस साल अगर बारिश नहीं हुई तो गेहूं के उत्पादन में हमारा देश एक बार फिर से एक नया रिकार्ड बनाने जा रहा है।

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2019-2020 में गेहूं का उत्पादन 10.76 टन माना गया था. मंत्रालय के मुताबिक, हमारे पास गेहूं की कई ऐसी किस्में हैं, जो हमारे जलवायु के लिए अनुकूल साबित हो सकती है.

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, उन सभी राज्यों में भी हमें गेहूं की अच्छी पैदावार देखने को मिल सकती है, जहां आमतौर पर गेंहू का उत्पादन प्रचुर मात्रा में किया जाता है. ज्ञानेंद्र के मुताबिक, इस साल मध्यप्रदेश में भी गेंहू की अच्छी खासी पैदावार देखने को मिल सकती है. इस बार किसानों को गेहूं से अच्छा मुनाफा मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

वहीं, अगर सरकारी आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो ये भी शुभ संकेत देते हुए ही नजर आ रहे हैं. एजेंसियों के मुताबिक, देशभर में 3 सौं 89.83 लाख टन गेहूं का तय समर्थन मूल्य 11 हजार 9 सौं 25 क्विंटल पर खरीदा है. उधर, केंद्र सरकार ने भी गेहूं के समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 1 लाख 9 सौं 75 रूपए प्रति क्विंटल कर दिया है.

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